कुमाओं के कुमौनी गीतों में
गोपाल दा की याद आती है
दूर कहीं भी उनका गाना बजता
दिलों में सुकून छा जाता
जब भी किसी के घर में
लड़की का शुभ लग्न होता है
तब भी गोपालदा के ही
गानों का रसास्वाद मिलता
अब भी याद आता है वो गाना
"जा चेली जा स्वरास"
जब भी इस गाने को सुनता हूँ
आँखों में अश्रु, ह्रदय को छलनी कर देता
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