Sunday, November 4, 2012

गोश्वामी जी की याद आते रहेगी


कुमाओं के कुमौनी गीतों में
गोपाल दा की याद आती है

दूर कहीं भी उनका गाना बजता
दिलों में सुकून छा जाता

जब भी किसी के घर में
लड़की का शुभ लग्न होता है

तब भी गोपालदा के ही
 गानों का रसास्वाद मिलता

अब भी याद आता है वो गाना
"जा चेली जा स्वरास"

जब भी इस गाने को सुनता हूँ
आँखों में अश्रु, ह्रदय को छलनी कर देता

No comments:

गेवाड़ घाटी