सच्च कहूं डर लगता है
आप से आपके प्यार से
अक्षर लोग प्यार के नाम पर
धोके के शिवा
रुत्वाई छोड़ जाते हैं
बहुत से जालिम देखे
नाम तो प्यार का देते हैं
मगर काम सैतनों की कर जाते हैं
सामने से प्यार का मस्का
पीछे से दुश्मनी का खंजर
ये दुनियां की फितरत बन गयी है
किस पर विस्वास करूँ
किस पर न करूँ
सकल से तो सभी भोले लगते हैं
सच्च कहूं डर लगता है
आप से आपके प्यार से