Friday, May 9, 2014

कैसी होगी वो ?

मन की लहरों में ढूढ़ता उसे 
नई उमंग, नए अरमान लिए,
कल्पना की सागर में डूब हुवा  
सपनों की नई सौगात लिए |
कैसी होगी वो ?
प्यारी सी,
दुलारी सी,
नटखट सी होगी वो,
कुछ ऐसी ही होगी वो !
कैसी होगी वो ?
गुलाब की पंखुड़ियों के तरह,
शर्मीली सी,
कमल की फूलों की तरह,
खिल-खिलाती सी,
दुनिया से निराली होगी वो,
हाँ कुछ ऐसी ही होगी वो !
कैसी होगी वो ?
चंदा सा मुखड़ा होगा,
समन्दर की तरह नीली सी आँखे होगी,
मीठी सी बोली होगी,
चहरे पर प्यारी सी मुश्कान होगी,
हाँ कुछ ऐसी ही होगी हो .!
हाँ हाँ कुछ ऐसी ही होगी हो


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