Sunday, September 23, 2012

दिल्ली बटी घर दाज्यू

राती परी-ब्याव तक
पहाड़ की याद एंछो
इंतजार करणोयी दाज्यू
दीपावली आली
पहाड़ जाणोक मौक मिल जालौ दाज्यू ।
पकडुल अपुण झोला झिमटा
पहुँच जौंल आनन्द विहार दाज्यू
टक-टकी देखा बेर
देखुला दिल्ली-गनाई गाड़ी दाज्यू
बैठ जुला सिट मा
ड्राइवर आलो गाड़ी चलालो
हीट द्यूला पहाडा दाज्यू ।
गजरोला पहुँचुल
काशीपुर पहुँचुल
पहुँच जुला रामनगर दाज्यू
लियुल रामनगर बटी
द्वि टुकुड मिठैका
गूइं मीठ लागुंला
घर पना मैसुकें दाज्यू ।
रामनगर बटी गाड़ी चली
हीट दियो पहाडा
सोर्याव आलो
भात्रोजखान आल
आलो भिक्यासैन दाज्यू
रिम-झिम उज्याव मैजी
पहुंची जुला मासी दाज्यू ।
मासी बटी द्वि मैल दीपाकोट
उज्याव छिना
पहुंची जुला घर दाज्यू ।

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