Thursday, July 11, 2013

पहाड़ सुन्न छू

आज फिर  म्यर पहाड़ सुन्न छू
चारों तरफ अफरा-तफरी मची छू
घर-घर में लोग बिलबिलान हैगिन
गौं-गाड़क लोग घर बटी बेघर हैगिन ।

पाणी ले यस तबाही मचायी
मैसुं कुड़ी-बाड़ी सब समाय लिगोइ
जीवन भरी हांट-भांट टोडी कमाई
पाणी, पाणी जस बह लिगोइ ।

पहाडू पनै मैंस डर-डरान  हैगिन
कभते यो धार कभते पली धार भाजन हैगिन
न जाण  कभे बदल फटो द्यो तौहड़ में
यो सब देख-सुणी  बे पहाड़ लोग डर-डरान हैगिन ।

पाणी ले हमर पहाड़ यस गाज गाडो
बदरी-केदार समसान घाट बड़ेहालो
लोग आपण-आपणा कें ढुंढणी
और पाणी ले पहाड़े कमाऊ पूत बहै हालो ।

आज फिर म्यर पहाड़ सुन्न छू .............

No comments:

गेवाड़ घाटी