होगा एक दिन
फिर से नयाँ सवेरा
लौटेगा वह
अपनी संस्कृति-विरासत की ओर
जगेगी नई उम्मीदों की किरण
फिर से होगी
खुशहाली यहाँ
हर नर-नारी
अपने मर्यादा में होंगे
लज्जा-शर्म जिनके गहने होंगे
होगा मान सम्मान
हर धर्म जाति का
फिर से लौटेगा वह
अपनी पूर्व संस्कृति-सभ्यता की ओर
आओ लौट चले भारत की ओर
फिर से नयाँ सवेरा
लौटेगा वह
अपनी संस्कृति-विरासत की ओर
जगेगी नई उम्मीदों की किरण
फिर से होगी
खुशहाली यहाँ
हर नर-नारी
अपने मर्यादा में होंगे
लज्जा-शर्म जिनके गहने होंगे
होगा मान सम्मान
हर धर्म जाति का
फिर से लौटेगा वह
अपनी पूर्व संस्कृति-सभ्यता की ओर
आओ लौट चले भारत की ओर
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