हरदौल वाणी अंक 52 दिनांक 2/2/2015 में प्रकाशित |
आओ नेता जी फिर खेलें चुनावी खेल
जनता को कुछ तुम बर्गलाओ, कुछ हम
नए दौर की नई राजनीति खेलें हम
और जनता संग खेलें आँख मिचोली खेल |
मैं तुम पर आरोपों की लड़ी लगाऊं
तुम मुझ पर लगाओ नए इजामत
बैठकर आपस में हम समझौता कर लें
और जनता संग खेलें, हिंसा खेल |
मामा-भांजा बनकर पासे फैकें हम
नए दौर के नए वादों से, जनता संग खेलें
तुम जीत गये तुम्हारी जय, हम जीत गये हमारी जय
और जनता संग खेलें चीरहरण का खेल |
-भास्कर जोशी
No comments:
Post a Comment