Wednesday, February 22, 2017

जनता की कैटेगरी खतरे में

उत्तराखंड में बीजेपी सरकार में रहते हुए कभी आंदोलनकारियों को न्याय नहीं दिला सकी। और न ही राजधानी गैरसैण को राजधानी बनाने की दिशा में आगे बढे। यहाँ तक की सरकार में रहते हुए घोटालों के अम्बार लगा डाले।

कल प्रधानमंत्री जी द्वारा 1994 के उस वीभत्स कृत्य को मुद्दा बनाकर वोट के लिए उपयोग किया गया। भावनाओं के साथ किस तरह खिलवाड़ हो रहा है इसकी कल्पना भी नहीं किया जा सकता है।

वहीँ अगर कांग्रेस की बात करें तो 2013 का वह आपदा को कौन भूल सकता है। भले ही आज रावत जी बहुगुणा जी के सर पर लादकर बीजेपी के पाले में डाल ले । परन्तु यह काण्ड कांग्रेस राज में ही हुवा है।

उत्तराखण्ड की जनता के साथ जिसप्रकार से खिलवाड़ हो रहा है उसे वह पिछले 17 वर्षों से भुगत रहे हैं। अभी हाल ही मैं एक फिल्म देखीथी जो राजनीति पर आधारित थी। उसमें हीरो जनता से कहता है- नेताओं के भाषणों में ताली और हुडदंग करने के बजाय बड़ी शालीनता से भाषण सुनें सच्चाई  खुद-ब-खुद आपके सामने होगी। परन्तु नेताओं के भाषण को कौन जिम्मेदारी से सुनता है। बस दूसरे पार्टी पर आरोप लगाकर ही अपनी छवि चमकाई जा रही है। और हम आम जनता होने के नाते बस तालियां बजा रहे है। भविष्य में जनता सिर्फ तालियां ही बजाएगी या यूं कहूँ कि जनता ताली बजाने वली श्रेणी में आ जायेगी ।
माननीय जनता साहब आपकी कैटगरी खतरे में हैं ।
फेसबुक स्टेट्स पोस्ट बाय भास्कर जोशी 

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