Tuesday, August 28, 2012

याद आता है पहाड़


याद आता है वो पहाड़ ,
छोड़ आया अपना पहाड़

वो पहाड़ का सौन्दर्य,
वो पहाड़ की प्राकृतिक छटा ,
यो पहाड़ का वातावरण,
याद आता है वो पहाड़,
छोड़ आया अपना पहाड़।

वो पहाड़ के रौल-मौल,
वो पहाड़ के गाड-गधेरे,
वो कल-कल-छल-छल बहते झरने,
याद आता है वो पहाड़,
छोड़ आया अपना पहाड़।

वो पहाड़ के उबड़-खाबड़ खेत,
वो खेतों के टेड़े-मेड़े मेंट,
वो पहाड़ की हरियाली,
याद आता है वो पहाड़,
छोड़ आया अपना पहाड़ ।

वो पहाड़ के बार-त्यौहार,
वो पहाड़ के हिसाव-किलमोड़,
वो पहाड़ की कोयल मधुर ध्वनि,
याद आता है वो पहाड़,
छोड़ आया अपना पहाड़।

बीता पहाड़ में बच्चपन मेरा,
वो मेरा उपद्रव करना,
वो गांव की मित्र-मंडली,
अब बस एक यादें बनकर रहा गये,
याद आता है वो पहाड़,
छोड़ आया अपना पहाड़ ।

पं. भास्कर जोशी

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