Tuesday, August 21, 2012

किसी ने देखा ? मेरा वो सपनों का भारत


किसी ने देखा ?
मेरा वो सपनों का भारत
जिसे कहते थे लोग
सोने की चिड़िया
अब न जाने कहाँ छुट गया
मेरा वो  सपनों का भारत ।

जिस देश में था
भाई चारा सबसे बढकर
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई
थे आपस भाई-भाई
अब न जाने कहाँ खो गया
मेरा वो सपनों का भारत ।

जिस देश बहती स्वच्छ निर्मल धारा
गंगा-यमन-सरस्वती
कर दिया असुद्ध धाराओं को
डाल दिए गट्टर के ढकन में
अब न जाने कहाँ लुप्त हो गये
मेरा वो सपनो का भारत ।

नीलाम कर दिया बिच चौराहे में
भ्रष्ट इन भ्रष्टाचारियों ने
लुट-मार-क्षीण कर दिया भारत को
भर लिए अपने कोठरे
कैद कर लिया सोने की चिड़िया को
अब ढुढुं तो  कहाँ ढुढुं ?
किसी ने देखा ?
मेरा वो सपनों का भारत
किसी ने देखा ?
मेरा वो सपनों का भारत

स्वरचित- पं भास्कर जोशी

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