Thursday, March 14, 2013

कलम दवात और पाटी


कलम दवात और पाटी,
कितना खुशनुमा था वो पल ,
याद कर अपने बचपन को ,
हंस खिल उठता हूँ ,
उस पल में ,
सारी दुनियां की ख़ुशी ,
मिल जाती थी उस पल में ,
एसे ही कुछ यादगार लम्हें ,
आज भी याद आते  है ,
पल-पल में ,
वो भी एक दौर था ,
जब स्कुल जाया करते थे  हम ,
कंधे में झोला ,
झोले में होता,
कलम, दवात  और पाटी ।

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