Saturday, May 23, 2015

दाज्यू पहाड़ बेचि है

बेचि है दाज्यू बेचि है
पहाड़ खोदी खोदी बेर बेचि है ।
हमर पितरों जमीन
हमर नी रैगोय
हमर जमीन पर
दलाल मालिक बण गिन
विकाश विकाशे नाम पर
हमर पहाड़ बेचि है ।
झट्ट जागी जाओ आजि मुणि दिन
हमर घर हमर निरोल
दूर बटी देखि बेर
लट्ठ  मारि बेर हमुकें
घर  बटि भजाई जाल।
आजि ले रईं सईं बचैले
बखता बचै सकछै बचैले
आपण  रईं सईं पितरों जमीन बचैले
नतर भो त्यर घर, पहाड़
त्यर नि रौल
नेतानु और दलालुं जेबक् माल हॉल।
-पागल पहाड़ी

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