बस अब और सहन नही होगा
माफिया राज,
कह दो उन लुटेरों से,
बदमासों से,
चोरों से,
ठेकेदारों से,
जो पहाड़ को लुट रहे हैं
बेच रहे हैं,
जमीनों को चट-खा रहे हैं,
अयासी का अड्डा बना रहे है,
यदि अपनी जान की सलामती चाहते हो,
तो सभाल जाओ,
ठहर जाओ,
बंद कर लो
अपने घिनौने कारनामो को |
अब भी वक्त है,
कहीं ऐसा न हो,
कि पहाड़ का बच्चा बच्चा,
अपनी मात्र भूमि मांटी के खातिर,
कंधे पर हथियार लिए,
तुम्हारे मौत का कारण न बन जाये|
अब भी वक्त है, ठहर जाओ,
वरना उत्तराखंड को भी
नक्सली बनने में देर न लगेगी|
इसलिए सभल जाओ, ठहर जाओ
तुम्हारी पल पल की हरकतों पर
हर "पागल" की नजर रहेगी|
माफिया राज,
कह दो उन लुटेरों से,
बदमासों से,
चोरों से,
ठेकेदारों से,
जो पहाड़ को लुट रहे हैं
बेच रहे हैं,
जमीनों को चट-खा रहे हैं,
अयासी का अड्डा बना रहे है,
यदि अपनी जान की सलामती चाहते हो,
तो सभाल जाओ,
ठहर जाओ,
बंद कर लो
अपने घिनौने कारनामो को |
अब भी वक्त है,
कहीं ऐसा न हो,
कि पहाड़ का बच्चा बच्चा,
अपनी मात्र भूमि मांटी के खातिर,
कंधे पर हथियार लिए,
तुम्हारे मौत का कारण न बन जाये|
अब भी वक्त है, ठहर जाओ,
वरना उत्तराखंड को भी
नक्सली बनने में देर न लगेगी|
इसलिए सभल जाओ, ठहर जाओ
तुम्हारी पल पल की हरकतों पर
हर "पागल" की नजर रहेगी|
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