तू सोच मत इनता
राह अगर है सची ,
सीढियों की राह बना
चलता जा तू चलता जा।
पैर डग मगा जाये
नियंत्रण रख अपने पर,
पीछे मुड कर न देख कभी
चलता जा तू चलता जा ।
कभी रुकें ना पैर
राह की कठिनाइयों,
एसा दृढ संकल्प बना
चलता जा तू चलता जा ।
सहारा न ले किसी का
विश्वास रख अपने पर,
छूं ले राह की बुलंदियों को
चलता जा तू चलता जा ।
जीवन के इस अन्धकार को
दीपक का दीप जलाकर ,
प्रकाश किरणों की राह बना
चलता जा तू चलता जा ।
ठानी है राह बनाने की
खुद को मजबूत बना,
हर राह को आशान बना
चलता जा तू चलता जा ।
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