घन्तर-1
फूट डालो और राज करो
फिर से कुछ यही सुनाई देने लगा है। पहले अंग्रेजों ने जातिगत फूट डालकर दो सौ साल राज किया। बड़ी मसक्कत के बाद कई सालों की जंग से स्वतंत्र देश मिला। 1947 के उस आजाद भारत के कई सुनहरे सपने देखे थे। मिलकर रहने की कसमें खाई थी हिन्दू मुस्लिम, दलित को साथ लेकर चलने की बातें होती थी। लेकिन यह सब मुफ़ट ही रही आजादी के 60 साल बीत जाने के बाद भी यहाँ कुछ नही बदला अगर बदला भी है तो वह इंसान जो कि अब वह पढ़ा लिखा हवसी, जाहिल देशद्रोही इंसान बन चूका है। इस नेक कामके लिए हमारी सरकारों ने बहुत मदद की है।
हर धर्म जाती को आरक्षण चाहिए। दलित हो मुस्लिम हो जाट हो पटेल हो या अन्य समूह हर किसी को आरक्षण चाहिए । बात यह समझ में नही आती कि एक ओर बराबरी का हक़ मांगते हैं वहीँ दूसरी ओर आरक्षण मांग कर अपने छोटा होनी की मानसिकता रखते हैं। चूँकि इन सभी जातिगत समस्याओं से राजनीति को बड़ा फायदा है। हाल यह है राजनीति की कुर्सी अंग्रेजी दीमक से भी भयंकर है जोकि एक दूसरे को तोड़ने की कोशिश की जा रही।
JNU मामले में भी कुछ यही हालात देखने को मिले है। देशद्रोही पकिस्तान का नारा लगाते हैं और भारत की लुल राजनीतिक नेता देश द्रोहियों के समर्थन में उतर आते हैं चाहे वह राहुल गांधी हो केजरीवाल हो या सीपीएम के लोग हों उन्हें यह भी सायद पता नहीH होगा कि हमें किसका समर्थन करना है किसका नहीं लेकिन सरकार का विरोध करना इनका इनका परम कर्तव्य है चाहे वह देश विरुद्ध क्यों नहो। वह तो भला हो कोर्ट का जो कि अपना काम निस्वार्थ से देश हित में काम करते हुए राहुल गांधी पर देश द्रोह का मुक़दमा ठोक डाला। इस मुक़दमे को देखते हुए बाकि समर्थन कर रहे विरोधी पार्टियों ने अब अपने बयान बदल लिए। खुसी इस बात की है कि कोर्ट के दखल के बाद नेताओं के पेच कसने की तैयारी हो रही है।
जारी रहेगा अगले।प्रकरण में कुछ और
घन्तर-2
आरक्षण मुद्दे पर भिकूदा से प्रेस वार्ता
ल्यो अब भीकू दा को भी आरक्षण चाहिए। बेइ कह रहे थे। अब मुझे भी अपना हक़ चाहिए मैं भी अपने हिस्से का आरक्षण लेकर रहूँगा।
बल भिकूदा आपको किस लिए आरक्षण चाहिए?
लै सबुगण मिल गया मैं भिकूवा एसे ही लॉसणौक नुण पिशने में ही रह गया रे।अरे मैं भी तो इसी देश का नागरिक ठहरा ना, कोई पाकिस्तानी या अफ़ग़ानी तो हूँ नहीं, तो क्या मुझे नहीं मिलना चाहिए आरक्षण?
बल भिकूदा आप आरक्षण से करोगे क्या?
लै कैसी बात कहने वाला ठहरा यार तू । किसी को नौकरी के लिए आरक्षण चाहिए तो किसी को शादी के लिए आरक्षण चाहिए । मुझे तो ठ्यक़ में लम्बी लाइन लगानी पड़ती है रे। आरक्षण होता तो क्या इतनी लम्बी लाइन में मुझे खड़ा होना पड़ता। बस मुझे तो ठ्यक में जाने के लिए आरक्षण चाहिए तो बस चाहिए बल्कि सबसे जादा आरक्षण की ज़रूरत तो मुझे ही है ।
बल भिकूदा ठ्यक में आरक्षण की ज़रूरत ही क्या है आपको ?
यार भुला क्या बताऊँ तुझे । बहुत परेशान हूँ तुझे क्या पता कि कितनी लम्बी लाइन लगानी पड़ती है अगर आरक्षण मिल जाता तो अपना नम्बर जल्दी आ जाता। ठ्यक में फट्ट जाते ही खट्ट करके पऊवा हाथ में मिल जाता। लाइन लगाने में बड़ी टेंशन होती है हो। लाइन लगाने से दश लोगों की नज़र रहती है। कि कब यह पऊवा लाये और दुकान के अंदर इसे रघोणे।
तू ही बता भुला, मेरा भी तो अधिकार बनता है न आरक्षण पर।
हाँ हाँ बिलकुल, बल भीकू दा लोग तो आरक्षण को लेकर रोड जाम कर रहे हैं गाड़ियों को जला रहे हैं ट्रेन की पटरियाँ उखाड़ रहे हैं एसे में आप क्या नया करने वाले हो ?
देख भुला आरक्षण तो मैं लेकर रहूँगा। कई पार्टियों व संगठनों से मेरी बात हो रही है। हम तो न गाड़ी फूकेंगे न ही रोड जाम करेंगे। हमारी प्लानिंग के हिसाब से अबतक हमने दो ट्रक डांसी ढूंग भर कर रख लिए हैं।
बल भीकू दा आरक्षण में डांसी ढूंग का क्या काम ?
देख रे भुला हम बचपन से ही घन्तरी रहे हैं तब एसे में हम ट्रेन की पटरी उखाड़ना, बस जलाना या कुछ और तोड़फोड़ कर अपना नुक़सान नहीं करवाना चाहते हैं डांसी ढूंग साथ लेकर हम आराम से आरक्षण ले लेंगे। तो फिर अपना या देश का नुक़सान क्यों करें ।
बल भिकूदा डांसी ढूंग से आरक्षण कैसे सम्भव है ?
यार तू भी ना बाल की खाल निकाल कर के ही रहेगा। एसा है हम डांसी ढूंग से पहले विधानसभा का घेराव करेंगे वह भी लुक छुप कर। जैसे ही नेता लोग बाहर आएँगे तब हम लुकी लुकी के उनको घंतरिया देंगे। तब किसी का कपाव बजेगा तो किसी का हाथ ख़ूट टूटेगा। फिर जब उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल लाएँगे तो हम अंदर जाने से पहले उनका घेराव करेंगे। और कहेंगे पहले आरक्षण फिर इलाज। फिर देखते हैं हमें आरक्षण कैसे नहीं मिलेगा..........।
भीकूदा के साथ चर्चा जारी है ........बने रहिये घन्तर के साथ।
पभजोपागल
भास्कर जोशी पागल
9013843459
फूट डालो और राज करो
फिर से कुछ यही सुनाई देने लगा है। पहले अंग्रेजों ने जातिगत फूट डालकर दो सौ साल राज किया। बड़ी मसक्कत के बाद कई सालों की जंग से स्वतंत्र देश मिला। 1947 के उस आजाद भारत के कई सुनहरे सपने देखे थे। मिलकर रहने की कसमें खाई थी हिन्दू मुस्लिम, दलित को साथ लेकर चलने की बातें होती थी। लेकिन यह सब मुफ़ट ही रही आजादी के 60 साल बीत जाने के बाद भी यहाँ कुछ नही बदला अगर बदला भी है तो वह इंसान जो कि अब वह पढ़ा लिखा हवसी, जाहिल देशद्रोही इंसान बन चूका है। इस नेक कामके लिए हमारी सरकारों ने बहुत मदद की है।
हर धर्म जाती को आरक्षण चाहिए। दलित हो मुस्लिम हो जाट हो पटेल हो या अन्य समूह हर किसी को आरक्षण चाहिए । बात यह समझ में नही आती कि एक ओर बराबरी का हक़ मांगते हैं वहीँ दूसरी ओर आरक्षण मांग कर अपने छोटा होनी की मानसिकता रखते हैं। चूँकि इन सभी जातिगत समस्याओं से राजनीति को बड़ा फायदा है। हाल यह है राजनीति की कुर्सी अंग्रेजी दीमक से भी भयंकर है जोकि एक दूसरे को तोड़ने की कोशिश की जा रही।
JNU मामले में भी कुछ यही हालात देखने को मिले है। देशद्रोही पकिस्तान का नारा लगाते हैं और भारत की लुल राजनीतिक नेता देश द्रोहियों के समर्थन में उतर आते हैं चाहे वह राहुल गांधी हो केजरीवाल हो या सीपीएम के लोग हों उन्हें यह भी सायद पता नहीH होगा कि हमें किसका समर्थन करना है किसका नहीं लेकिन सरकार का विरोध करना इनका इनका परम कर्तव्य है चाहे वह देश विरुद्ध क्यों नहो। वह तो भला हो कोर्ट का जो कि अपना काम निस्वार्थ से देश हित में काम करते हुए राहुल गांधी पर देश द्रोह का मुक़दमा ठोक डाला। इस मुक़दमे को देखते हुए बाकि समर्थन कर रहे विरोधी पार्टियों ने अब अपने बयान बदल लिए। खुसी इस बात की है कि कोर्ट के दखल के बाद नेताओं के पेच कसने की तैयारी हो रही है।
जारी रहेगा अगले।प्रकरण में कुछ और
घन्तर-2
आरक्षण मुद्दे पर भिकूदा से प्रेस वार्ता
ल्यो अब भीकू दा को भी आरक्षण चाहिए। बेइ कह रहे थे। अब मुझे भी अपना हक़ चाहिए मैं भी अपने हिस्से का आरक्षण लेकर रहूँगा।
बल भिकूदा आपको किस लिए आरक्षण चाहिए?
लै सबुगण मिल गया मैं भिकूवा एसे ही लॉसणौक नुण पिशने में ही रह गया रे।अरे मैं भी तो इसी देश का नागरिक ठहरा ना, कोई पाकिस्तानी या अफ़ग़ानी तो हूँ नहीं, तो क्या मुझे नहीं मिलना चाहिए आरक्षण?
बल भिकूदा आप आरक्षण से करोगे क्या?
लै कैसी बात कहने वाला ठहरा यार तू । किसी को नौकरी के लिए आरक्षण चाहिए तो किसी को शादी के लिए आरक्षण चाहिए । मुझे तो ठ्यक़ में लम्बी लाइन लगानी पड़ती है रे। आरक्षण होता तो क्या इतनी लम्बी लाइन में मुझे खड़ा होना पड़ता। बस मुझे तो ठ्यक में जाने के लिए आरक्षण चाहिए तो बस चाहिए बल्कि सबसे जादा आरक्षण की ज़रूरत तो मुझे ही है ।
बल भिकूदा ठ्यक में आरक्षण की ज़रूरत ही क्या है आपको ?
यार भुला क्या बताऊँ तुझे । बहुत परेशान हूँ तुझे क्या पता कि कितनी लम्बी लाइन लगानी पड़ती है अगर आरक्षण मिल जाता तो अपना नम्बर जल्दी आ जाता। ठ्यक में फट्ट जाते ही खट्ट करके पऊवा हाथ में मिल जाता। लाइन लगाने में बड़ी टेंशन होती है हो। लाइन लगाने से दश लोगों की नज़र रहती है। कि कब यह पऊवा लाये और दुकान के अंदर इसे रघोणे।
तू ही बता भुला, मेरा भी तो अधिकार बनता है न आरक्षण पर।
हाँ हाँ बिलकुल, बल भीकू दा लोग तो आरक्षण को लेकर रोड जाम कर रहे हैं गाड़ियों को जला रहे हैं ट्रेन की पटरियाँ उखाड़ रहे हैं एसे में आप क्या नया करने वाले हो ?
देख भुला आरक्षण तो मैं लेकर रहूँगा। कई पार्टियों व संगठनों से मेरी बात हो रही है। हम तो न गाड़ी फूकेंगे न ही रोड जाम करेंगे। हमारी प्लानिंग के हिसाब से अबतक हमने दो ट्रक डांसी ढूंग भर कर रख लिए हैं।
बल भीकू दा आरक्षण में डांसी ढूंग का क्या काम ?
देख रे भुला हम बचपन से ही घन्तरी रहे हैं तब एसे में हम ट्रेन की पटरी उखाड़ना, बस जलाना या कुछ और तोड़फोड़ कर अपना नुक़सान नहीं करवाना चाहते हैं डांसी ढूंग साथ लेकर हम आराम से आरक्षण ले लेंगे। तो फिर अपना या देश का नुक़सान क्यों करें ।
बल भिकूदा डांसी ढूंग से आरक्षण कैसे सम्भव है ?
यार तू भी ना बाल की खाल निकाल कर के ही रहेगा। एसा है हम डांसी ढूंग से पहले विधानसभा का घेराव करेंगे वह भी लुक छुप कर। जैसे ही नेता लोग बाहर आएँगे तब हम लुकी लुकी के उनको घंतरिया देंगे। तब किसी का कपाव बजेगा तो किसी का हाथ ख़ूट टूटेगा। फिर जब उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल लाएँगे तो हम अंदर जाने से पहले उनका घेराव करेंगे। और कहेंगे पहले आरक्षण फिर इलाज। फिर देखते हैं हमें आरक्षण कैसे नहीं मिलेगा..........।
भीकूदा के साथ चर्चा जारी है ........बने रहिये घन्तर के साथ।
पभजोपागल
भास्कर जोशी पागल
9013843459
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