Sunday, May 3, 2020

प्रेस वार्ता : 14 कोरोना पर भिकुदा से हॉटलाइन पर बात चीत


रिपोटर:- भिक़ुदा नमस्कार हो
बल भिकुदा कहाँ हो आजकल। और कोरोना काल में कौन कौन सी डिस बना कर खा रहे हो अकेले अकेले ?
भिकुदा:-
दै बज्जर कां जों कुंछा, 'न घरक कै राय न बणकै राय'। य कोरोना तो आफत बड़ी बेर ऐ पड़ौ। काम धाम ठप। जबतक राशन भतेर छ तबतक ठीक छ। बादक वी करौल विचार।  य लै भल भै कि आजकल सब कुक और हलवाई बड़ गयी। यूट्यूब पै रेसपी देख बेर सब नई नई डिस बणोंण लै रई। अज्याल साधन और डबल सबनै पास भै। कैक पास सकर सकर तो कैक पास कम कम। पैली तो न लोगों पास साधन छि न डबल। जै लै उपज करि वी कच पकै खाय। अज्याल तो घर घर में यूट्यूबी हलवाई है गयीं। कोई गोल गप्प बनुनो, को जलेबी, को केक, को रसगुल्ला, जै मन जौस उ उसै डिस बनै खाणो। चलो भल भाई नानतिना लै मुख लै रौल।
रिपोटर:-
भिकुदा लॉकडाउन में और कर भी क्या सकते हैं। घर में बैठे बैठे भी आदमी करे भी तो क्या करे?
भिकुदा:-
दै भुलू लॉक और डाउन द्विए भै। तस में के हूँ कुंछा। द्वि चारेक नाई ग्यु हुंची उं लै हाथ बटि निकई गयी। आदुक साल बटि मेहनत करि कुरी सब बर्बाद है ग्यान। फडू लिबेर खेत खनि भै, खै निखै बेर नाई-एक ग्यु बुति, पुषक मेहन रात्ति चार बजी जागि बेर तुस्यार नि देख तब पाणि डाल। और आज जब फसल काटणक टेम आई, तब य कोरोना काव लै पड़ौ। भुलू सब ग्यू गाड़ लै गो। रई सइ कसर बे टैमक द्यो और डाव पुरि करणो। अघिल कें कसि दिन देखण पणु य तो वी माथ वाव जाणो।
रिपोटर:-
बल भिकुदा ऐसे में कोई कर भी क्या सकता है मैंस बचा रहेगा तो सबकुछ फिर हो जायेगा ?
भिकुदा:-
'इथक जों भ्यो, उथकेँ जौं तो रौ'। आखिर करूँ तो करूँ के। मैसुं डबल समाई रै जैंल। राशन पाणि जै नि हौला तो के कराल तौ मैंस। ऐल कोरोना, भो भुखमरी जस लक्षण दिखनायी। भुलू त सोची बेर टोप मारि रोंनु। भल बखत पर फोन करो, आपण उदगार भ्यार खेति हैली। आपु और आस पड़ोसियों ध्यान धरिया, बची राया।
भास्कर जोशी

No comments:

गेवाड़ घाटी