Monday, December 14, 2015

अवसरवादी

हरदौल वाणी अख़बार  13-12-2015 के ताजा अंक में प्रकाशित मेरी नई रचन "अवसरवादी" को प्रकाशित करने के लिए संपादकीय आदरणीय श्री  Devi Prasad Gupta श्री जी, भाई Lalit Mohan Rathaur भाई जी का  बहुत बहुत धन्यवाद।
#अवसरवादी
हरदौल वाणी - १३-१२-२०१५ 
जी मैं तो हूँ अवसरवादी
करता हूँ अपनी मनमानी
गधों की पीठ पर बैठ
करता हूँ में सवारी
जी मैं..........
जी मैं खाता बहुत हूँ
पर किसी को खाने देता नही
चाहे वह माल पुए हों
या हो फिर थपड़
जी मैं.......
 जी मैं सुर्ख़ियों में आए दिन रहता हूँ
कैमरा बच नही सकता मुझसे
चाहे वह मेरी नौटंकी से हो
या हो फिर मौफ्लार खाँसी
जी मैं.........
नुक्कड़ नाटक से लेकर जंतर मंतर तक
धरने से लेकर आंदोलन तक
मैंने कुर्सी पाने की जिद्द ठानी थी
जब मिल गयी तो अब खाने की मेरी बारी है।
जी मैं..........पं. भास्कर जोशी
पागल पहाड़ी

No comments:

गेवाड़ घाटी