ये वही लिंडुर है साहब
जो कल तक
देश भक्ति के गीत गाते थे
फिर इन्होंने
समाज सेवा के नाम पर
जनता को ठगने का बीड़ा उठाया
वाह वाही बटोरी
नेताओं के आगे पिच्छू
चमचागिरी की
और आज दीमक की तरह
हमारे सर पर बैठे हैं ।
आइये साहब आइये
देश की बाग़ डोर
निर्दोषो के खून से रंगे हुए
आपके हाथों में हैं
आप ही सच्चे देश भक्त हैं
आप ही जनता के सेवक हैं
आपको सत् सत् नमन।।
भास्कर जोशी
जो कल तक
देश भक्ति के गीत गाते थे
फिर इन्होंने
समाज सेवा के नाम पर
जनता को ठगने का बीड़ा उठाया
वाह वाही बटोरी
नेताओं के आगे पिच्छू
चमचागिरी की
और आज दीमक की तरह
हमारे सर पर बैठे हैं ।
आइये साहब आइये
देश की बाग़ डोर
निर्दोषो के खून से रंगे हुए
आपके हाथों में हैं
आप ही सच्चे देश भक्त हैं
आप ही जनता के सेवक हैं
आपको सत् सत् नमन।।
भास्कर जोशी
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