Tuesday, July 12, 2016

एक घन्तर दिल्ली के नाम


दिल्ली जैसा मज़ाक़ कहीं और न हो। यह एसा मज़ाक़ है जो खेल खेल में गधे को कुर्सी थमा दी। अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री अपने  कामों का ब्यौरा विज्ञापन के ज़रिए देते हैं ताकि लोगों तक उनके कामों का हिसाब किताब पहुँचजा सके। लेकिन इधर दिल्ली में ठीक इसके उलट है यहाँ कामों का ब्यौरा नहीं दिया जाता बल्कि अपने नौटंकीपन के चरम पर पहुँचकर जनता द्वारा दिए गये टेक्स का विज्ञापन के ज़रिए ग़लत उपयोग किया जाता है।

एक वर्ष बीत जाने के बाद भी दिल्ली की मौजूदा सरकार ने प्रधानमंत्री जी के शिकायतों की पोटालि बाँध कर रखी है सायद यहीं पिछले एक साल का "आप सरकार" के काम का लेखा जोखा हो। आप सरकार ने क़सम ली हुई है कि हम जनता के लिए कुछ काम नहीं करेंगे। अगर काम करेंगे तो सिर्फ़ प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ झूठी विज्ञापन निकलेंगे।

दिल्ली में अब तक क्या काम हुवा है यह तो आप ही जानते हैं जनता सिर्फ़ मुँह ताक रही है कि आप कुछ कर दें। जतने वादे आप ने चुनाव के द्वारान किए थे सायद ही कोई पूरा हुवा हो। शीलादीक्षित को जेल भेजने के लिए बड़े बड़े कारनामे किए यही कारण है कि आज आप नेता एक एक कर जेल जा रहे हैं शीला दीक्षित को तो भेज ना सके पर हाँ अब वे ख़ुद ही जेल की ओर रूख करने लगे हैं। इन सबके बीच आप सरकार की नीति साफ़ रही है कि वे जनता की सेवा के लिए नहीं बल्कि अपनी सत्ता की लालसा को जीने के लिए आए हैं तथा काम न कर मोदी साहब को कोसना ही आप का परम धर्म नज़र आता है।

इस नेक काम के लिए आप सरकार का बहुत बहुत धन्यवाद। आसा करता हूँ कि आप आगे भी पंजाब  व अन्य राज्यों में भी एसी ही गंध फैलाएँगे।
धन्यवाद
एक
सामान्य वोटर

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