Monday, June 4, 2012

"यौ त हद्द है गेई "

आजकलै जमान में रौन मुश्किल है गो ,
खाण हराम हैगो, जिण हराम है गो,
आदिम-आदिम खांह बटिगो,
यौ त हद्द है  गेई  ।।


सरकारि स्कुलै मास्टर, चाहा पीण में 
गप्प मारण में रोंणी,
नान-तिन, पब्लिक स्कूलों में पढ़नी,
अखबार में रोज बलात्कार, खून,
एक्सीडेंटल केस छापनी,
कानून आखों में पट्टी बाँधी छू,
यौ लै हद्द है गेई।।


नेता कुर्शी में बैठ बे, झक मारनी,
आपु घर भरणी
बेरोजगारों कें दूध में जहर मिलाई जस बचन कौणी,
घोटाला, घुस, बलात्कार जस केस करबे 
गरीब लोगों कें फसोंनी 
यौ त हद्द है गेई।।


यौ देश  जैहैं जगत गुरु कौनी, 
भ्रष्टाचार फ़ैलण शिष्टाचार घटण,
धर्म संस्कृति, व सभ्यता कें रोज- रोज खून हौण,
यौ लै हद्द है गेई।।

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