Monday, March 20, 2017

न्यों मुख मंतरी

टिक पीठ्या लगावों रे
न्यों मुख मंत्री ल्ये रोईं
शकुनाख़र गाओ
माँगेय गीत गाओ
शंख घंटी बजाओ
ढोल दमूवे थाप लगाओ
बामाण बुले बेर हवन करो
धूप दीप पाठ पुज करो
जसी तसि जस भल काव हूँ
उस काव पहाड़े लिजी कर ध्यालो धें
न नतर पाँच साल टिकनी भले
या ढाई साल में भाजनी भले
हमर उत्तराखंड कुर्सी पै
क़िल्मौड़ू कान लागि भै
चस्स चस्स बुड़ने रूनी
मुख मंत्री खसिकने रूनी
सात मुख मंत्री हमूल जम करि हाली
आठु मुख मंत्री तुम छा
तुम आपण देई द्वार भलिके भेंट आया
खिचेडि दिणियाँ क़ें खिचेडि दी आया
ईज़ बाब क़ें चान चीताने राया
ख़ूब दिन दुनि दैण क़रिया
झिटी घड़ी समय मिलो तो
देई द्वार भेंटने रैजाया
जनम भूमि, करम भूमि क़र्ज़ तारला
तो पाँच साल आजि मुख मंत्री बडला।
भास्कर जोशी

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