Friday, March 4, 2016

घन्तर-5 : होली स्पेशल पर भिकुदा से प्रेस वार्ता

घन्तर-5

होली स्पेशल पर भिकूदा से प्रेस वार्ता-4

बल भीकू दा इसी महीने होली और फ़ुल्देई का त्योहार आने वाला है आप अपनो को, कोई संदेश देना चाहेंगे ?

हाँ भुला बहुत अच्छा किया , होली और फ़ुल्देई की याद दिला दी। पर भुला मैं तो ना कोई नेता हूँ न हीं अभिनेता, जो लोग मेरा संदेश पढ़कर कहना मान लें । और कहें भी किस से, पढ़े लिखों से? अनपढ़ लोग होते तो सायद........। लेकिन भुला हरदा तो लोगों को नई नई स्कीम देकर पहाड़ियों को पहाड़ वापस आने के लिए प्रोत्साहन कर रहे हैं। नये नये संदेश देते रहते हैं मेरी  कोई क्या सुनेगा?

बल भीकू दा कुछ समय पहले उन्होंने कहा था जो लोग पहाड़ से पलायन कर गये हैं वे पहाड़ आयें और भांग की खेती करें?

हाँ भुला मैंने भी सुना। पर  यह अच्छा काम किया हरदा ने। इससे पहले अच्छे काम किये या नहीं यह तो मुझे ख़बर नहीं पर हाँ भांग को बढ़ावा देने का काम बहुत अच्छा किया। यह सीज़न तो निकल गया। अगले सीज़न से भांग की खेती ज़रूर करूँगा, अहांण-कहाँण दाल, भट, मास, ग़हौत, जौ तिल, मडु, झुंगर, कौणी इन सभी को उजाड़ कर भांग की खेती कर आर्थिक दृष्टि  से भी मस्त खेती है।

बल भिकूदा भांग की खेती से तो नशे को बढ़ावा मिलेगा, क्या यह सही है ?

यः ख़ाल्लि लै भुला । भांग की खेती तो पैसा बटोरती है भुला।  पूरा का पूरा पेड़ नोटों का बंडल जो ठहरा। हरदा की तरफ़ से कोई मरे या जिए क्या फ़र्क़ पड़ता है और वैसे भी नशा तो लोग करेंगे ही। जब आप सुविधा दे रहे हो और जगह जगह शराब के ठेके खोल रहे हो, मोबाइल ठेके तक आपने खोल दिए हैं वैन में भर भरकर  शराब गाँवों में घुमा रहे हो उस से अच्छा तो यह भांग की खेती ही है। इसमें मर गये तो लाख के और बच गये सवा लाख के । मैंने तो उमेद दाज़्यू से भी बोला। दाज़्यू आओ भांग की खेती करते हैं। अत्तर लगाने के बाद गधेरे में चिलम भर भरकर पिया करेंगे। जितना बचेगा उसे हरदा को बेचेंगे। ताकि घर वालों का ख़र्च भी निकल सके।

बल भीकू दा होली में तो भांग का ही प्रचलन ठहरा वैसे तो । और हरदा तो इसकाम में दस गुना और तेज़ी लाएँगे!

हाँ भुला क्यों नहीं। परसों हरदा ने कहा है पुराने रीति रिवाजों को बढ़ावा देना है करके। और जब भांग की खेती करने की परमिशन मिल ही गयी तो इसबार होली में भांग ही भांग होगा, भांग के पकोड़े, भांग घोटा, चिलम पर चिलम! भांग ही भांग होगा हो।

बल भीकू दा हरदा भी भांग खाएँगे क्या ?

ना रे ना वे भला भांग क्यों खाए, वे तो नोटों के बंडल खाने का नशा करते हैं भुला, भांग तो हम जैसे गँवाड़ियों केलिए ठहरा, वे तो होली में मुजरा देख के नोट उड़ाने वालों में से हैं और हम भांग खा कर रोड गली मुहल्लों में घूरि रहते हैं। वे क्यों करे भांग का नशा। बड़े लोगों का बड़ा नशा होने वाला ठहरा।

बल भिकूदा भांग की खेती से फिर हरदा को क्या फ़ायदा होगा?

देख भुला ये बात पब्लिकलि नहीं बोली जाती। कभी मीडिया से उधर उतर कर आओ तब बताऊँगा। अभी होली आने वाली है मुझे भी गाँव वालों व अपने मित्रों के लिए भांग घोटा तैयार करना। आप ज़रूर पीकर जाना। आज साम को विनोद दाज़्यू के यहाँ बैठ होली में भी जाना है ! अभी के लिए आज्ञा दें । आप सभी को परिवार सहित होली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ

भिकूदा से सवाल जवाब जारी है। मिलेंगे नए सवाल जवाब के साथ। तब तक के लिए नमस्कार - पभजोपागल
भास्कर जोशी पागल
9013843459

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