Tuesday, March 22, 2016

पहाड़ की गत करि है

पहाड़ की गत करि है

कस जुलम कर गया
पहाड़ की गत कर गया

रात्ती-ब्याव भसा-भसी
लधोड़ि हालण में रौंछा
कस य लधोड़ि हैगे
पहाड़गणी डकारण में रौंछा

पहाड़ों का बाट घ्वैटों
टेंडर पास करौण में रौंछा
ढूँगा क़ैं ट्याड लग़ैबेर सिमेंटक बाट बतुँछा
नोटों बंडल पर सेत लग़ैबेर मलाई पु जस च्यापण में रौंछा

रुढी दिना पाणिक़ ग़ाव ग़ाव ऐंछौ
पाणिक़ लिजी याँ मारा-मरि हैं ज़ैछौ
तुम पाणि लाइन उखाड़ बेर
घरक लैंटर बिछौण में रौंछा

तुमूल तो पहाड़कि यस गत करि हैछौ
खुंण खुंण कर बेर भकार  भरि हैछौ
आजि खानु आजि च्यापनु न्यार है रैछौ
रई सई बची-ख़ुचि पहाड़ लै तुमूल बेची हैछौ

फड़वा ब्यालच सांपो मैल लै थामी हैछो
छः फ़ुटक़ गड़्यर खानि हैछो
क़ानि में झ्वल, झ्वल में काव बोरियक चीथौड कफ़न धरि राखौ
इंतज़ार करणोयी बख़तकि ग़ड्यार में हानि द्युला।
भास्कर जोशी पागल

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