Tuesday, March 1, 2016

घन्तर-4


भिकूदा के साथ प्रेस वार्ता-3

बल भीकू दा पहाड़ में आजकल बाग़ बौई गया है पहले तो एसा कभी नहीं हुवा?

देख भुला पैली बात तो यह है कि उ बाघ नहीं है  उ तो गुलदाड (तेंदुवा) है। और हमारे पहाड़ में गुलदाड होते नहीं है मुझे तो लगता है यहाँ जानबूझकर गुलदाड छोड़े गये हैं।

बल भिकूदा आपको एसा क्यूँ लगता है ?

भुला हमारे पहाड़ के बाघ हो या अन्य जानवर वह कभी इंसानों पर हमला नहीं करता हाँ वर्षों में कभी एक या दो क़िस्से सुनने को मिलते थे की बाघ ने फलाणा गाँव के फलाणा आदमी को बुका दिया करके। पहाड़ के जानवर भी बड़े सीधे और मनखि होते हैं व्यर्थ में किसी पर भी हमला नहीं करते। चूँकि पहाड़ में आदिम जाति की पलायन होने से पहाड़ के जानवर भी पलायन कर गये हैं।

लेकिन भिकूदा जो ये गुलदाड आ रहे हैं क्या ये पहाड़ के नहीं हैं ?

ना भुला ना पिछले कुछ समय से पहाड़ में बंदर, लंगूर और सूँवर छोड़े गये हैं और अब यह गुलदाड। बंदर और लंगूरों के झुंड को टरक़ से छोड़ते हुए मैंने अपनी आँखों से देखा है। हमारे पहाड़ के जो पहले बंदर हुवा करते थे वे एक ही आवाज़ में भाग जाया करते थे उनके आने का भी समय होता था वह भी तब जब गाँव में फलों का सीज़न होता था। वे अधिक नुक़सान भी नहीं करते थे जात भले ही बंदरों की थी पर सभ्य बंदर थे लेकिन मूए अब के बन्दर तो उज्याड़ तो करते ही हैं साथ ही आदमी औरतों को भी बुक़ाने झपट्टा मारते हैं। बच्चों को तो पूछियेमत।

बल भिकूदा क्या ये वाक़ई में पहाड़ के जानवर नहीं हैं?

ना भुला ये अपने पहाड़े के तो नहीं लगते और जहाँ तक गुलदाड की बात है एसे लगता है जैसे कि ये पहाड़ में जानबूझकर छोड़े गये हैं। वह इसलिए भी कि यह घटना एक क्षेत्र की नहीं है अभी एक महीने से चौखूटिया में गुलदाड ने चार इंसानों को मार डाला। एक पल के लिए मान भी लूँ कि एक गुलदाड आदमखोर हो गया तो क्या बाक़ी गुलदाड भी बग़ावत पर उतर आए? चौखूटिया में चार लोग मारे गये, रामनगर में एक महिला को मार डाला, भिमताल में 11 लोगों को घायल कर दिया, थैलीसैण में एक गुलदाड आपसी लड़ाई में मारा गया, बागेश्वर में भी गुलदाड देखे गये हैं इस से क्या समझ में आता है जबकि उत्तराखंड पर्वतीय इलाक़े में गुलदाड पहले कभी देखे नहीं गये। हाँ बाघ ज़रूर होते थे।

तो क्या भिकूदा इसके पीछे का क्या सच हो सकता है

भुला मुझे तो लगता है यह पहाड़ को ख़ाली कराने की वकायत् चल रही है। ताकि उद्योगपति, ठेकेदार, भू माफ़िया, और उत्तराखंड के नेता बिरादरी के लोग मनमाफ़िक क़ब्ज़ा कर पहाड़ से चुना मिटी खनिज आदि बेच खाएँ। इसके पीछे बड़ी ताक़तें शामिल हो सकती हैं। पहले ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने के लिए डराने धमकाने की कोशिश की फिर बाउंसर से लोगों को पीटा गया और अब गुलदाड छोड़कर पहाड़ियों का दमन किया जा रहा है ताकि पहाड़ के लोग गुलदाड के डर से पहाड़ छोड़ दे।

जारी है भिकूदा के साथ प्रेस वार्ता । बने रहिए अगले नए सवाल जवाब के साथ
पभजोपागल
भास्कर जोशी पागल
9013843459

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