आ गया दिन श्रद्धांजलि देने का
चौदह सितम्बर हिंदी दिवश का
हिंदी के हम भी हैं चेले
यह बतलाने का दिन आ गया।
शुभकामनाओ का अम्बार लगा है
हिंदी , हिंदी के दिन को याद किया जा रहा है
चलिये इसी बहाने ही सही हिंदी को याद कर लें
दो पुष्प हम भी हिंदी को अर्पित करदें
नए दौर के नए तरीकों संग
हिंदी को याद कर सोशल मीडिया पर स्टेट्स डाले
बधाई हो बधाई हो हिंदी दिवश की बधाई हो
चलो इसी बहाने हम भी हिंदी के रखवाले बन जाएं
हिंदी को याद कर कवि सम्मेलन , गोष्ठी करें
फूल माला से हिंदी के रण बांकुरों का स्वागत करें
तालियां बजाकर मदारियों सा लुफ्त उठायें
इन्हीं कारणों से जीते जी मर गयी हिंदी रखवालों के कारण ।
भास्कर जोशी
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